गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बंद करने की सभी तैयारियां कर ली गई हैं। दोनों धाम के कपाट गुरुवार दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसके लिए गुरुद्वारा साहिब की तीन क्विंटल फूलों से भव्य सजावट की गई है।
इससे पूर्व, बुधवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने बुधवार को हेमकुंड साहिब पहुंचकर गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेका और प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
राज्यपाल सुबह 9:35 बजे हेलीकाप्टर से घांघरिया पहुंचे और यहां से हेमकुंड साहिब तक का सफर उन्होंने घोड़े से तय किया। इसके बाद उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेका और अरदास में शामिल हुए।
इससे पहले, धाम पहुंचने पर गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार सेवा सिंह व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने राज्यपाल का स्वागत किया। इस दौरान राज्यपाल ने ट्रस्ट के सदस्यों से बातचीत की और हेमकुंड पहुंचे सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी।
हेलीपैड के निर्माण से यात्रा और आसान
राज्यपाल ने कहा कि यहां मिले श्रद्धालुओं के स्नेह से वह अभिभूत हैं। हेमकुंड में हुए अवस्थापना विकास कार्यों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हेमकुंड आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। हेलीपैड के निर्माण से उनकी यात्रा और आसान हुई है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे के निर्माण से भविष्य में दोनों की यात्रा आसान हो जाएगी।
इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। इसके बाद राज्यपाल वापस घांघरिया पहुंचे और फिर हेलीकाप्टर से देहरादून के लिए रवाना हुए। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार, उप जिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ आदि मौजूद रहे।
इधर, हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बंद करने के मौके को यादगार बनाने के लिए 2,500 से अधिक तीर्थयात्री घांघरिया पहुंच चुके हैं, जो आज सुबह हेमकुंड साहिब पहुंचेंगे। अब तक दोनों धाम में 1.84 लाख तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। इस बार हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 23 मई को खोले गए थे।
कपाट बंद करने का कार्यक्रम
- सुबह 9:30 बजे : सुखमणि साहिब का पाठ
- सुबह 10:50 बजे : शबद-कीर्तन
- दोपहर 12:15 बजे : साल की अंतिम अरदास
- दोपहर 12:30 बजे : अंतिम हुक्मनामा लेने के बाद पंज प्यारों की अगुआई में श्री गुरुग्रंथ साहिब को सच्चखंड में विराजमान किया जाएगा।
- दोपहर 1:00 बजे : धाम के कपाट बंद किए जाएंगे