तीर्थनगरी में बढ़ते ट्रैफिक जाम से हर कोई परेशान हो रहा है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने शहर के अंदर ओवर ब्रिज/अंडरपास बनाने, बाहर से आने वाले वाहनों का रूट परिवर्तन करने, वापसी के वाहनों को सीधे शहर से बाहर करने, पार्किंग बढ़ाने, अतिक्रमण हटाने, चौक व सड़क चौड़ा करने सहित कई तरह-तरह के अपने विचार सुझाए हैं।
दरअसल, तीर्थनगरी होने के कारण ऋषिकेश में रोजाना हजारों की संख्या में बाहरी पर्यटक आते हैं। वहीं, सीजन के दौरान पर्यटकों की संख्या लाखों तक में पहुंच जाती है। शहर की सड़क अधिक चौड़ी न होने और वाहनों की संख्या अत्यधिक हो जाने से दिनभर जाम की स्थिति रहती है।
पर्यटकों को जाम से जूझना पड़ता है यहां
खासतौर पर शहर के मुख्य बाजार क्षेत्र की बात करें तो पीडब्ल्यूडी तिराहे से लेकर चंद्रभागा नदी पुल तक दिन भर वाहन रेंग कर गुजरते हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी जाम से जूझना पड़ता है। बता दें कि हरिद्वार रोड पर एकसाथ मौजूद पीडब्ल्यूडी तिराहा, त्रिवेणी घाट चौक, मुखर्जी नगर तिराहा, देहरादून तिराहा और चंद्रभागा चौक पर सबसे ज्यादा जाम लग रहा है।
इन चौक व तिराहों की चौड़ाई अधिक न होने से इनसे सटे मोड़ के अंदर आने-जाने और हरिद्वार रोड से गुजरने वाले वाहनों के मुड़ने व गुजरने के लिए पर्याप्त नहीं जगह मिलती। एक लेन बंद होने के बाद ही एक मोड़ पर वाहन मुड़ पाते हैं। ऐसे में क्षण-क्षण पर लेन बंद होने से वाहनों का हुजूम लगता है और जाम की स्थिति बन जाती है।
ऋषिकेश आरटीओ में 1.39 लाख बाइक, 22 हजार कार और करीब सात हजार व्यवसायिक वाहन दर्ज हैं। इसके अलावा शहर में इन दिनों रोजाना बाहरी वाहन दो हजार की संख्या में आ रहे हैं। ऐसे में तीर्थनगरी में सड़कों की अपेक्षा संचालित वाहनों का दबाव अधिक हो रहा है।
स्थानीय ने दिए सुझाव
प्रतीक शर्मा, महामंत्री व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने कहा, कि शहर में वाहनों को व्यवस्थित करने के लिए पार्किंग की संख्या अधिक की जानी चाहिए। पीडब्ल्यूडी गेस्ट के बाहर और रेलवे रोड पड़ी रेलवे की जमीन पर एक-एक पार्किंग बन सकती है। जिससे बाजार आने वाले लोग इन जगहों पर वाहन पार्क कर खरीदारी कर सकते हैं। इसके अलावा शहर से वापसी जाने वाले वाहनों को ढ़ालवाला होकर सीधे शहर से बाहर किया जाए। इससे दीपावली के दौरान शहर का टैफिक व्यवस्थित हो सकता है और स्थानीय लोग आराम से खरीदारी कर पाएंगे।