20 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट

हेमकुंड साहिब के ग्लेशियर प्वाइंट पर अभी भी करीब 6 फीट तक बर्फ जमी हुई है। जिसको देखते हुए यहां लगभग 60 मीटर तक बर्फ के बीच से आने जाने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। हेमकुंड साहिब में गुरुद्वारे के मुख्य द्वार के पास भी लगभग 4 फीट बर्फ जमी हुई है। आस्था पथ पर भारी बर्फ जमी होने के कारण बर्फ पिघलने तक घोड़े-खच्चरों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी।

हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए भी तैयारियां जोरों पर है। हेमकुंड साहिब के कपाट 20 मई को खोले जाने हैं। यहां दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को लगभग 60 मीटर का आस्था पथ बर्फ के बीच से तय करना होगा। हेमकुंड साहिब मार्ग पर इस समय 6 फीट तक पर जमी हुई है। गोविंदघाट और घांघरिया गुरुद्वारे में रंगरोगन का काम पूरा कर दिया गया है तो वहीं अटलाकुड़ी से हेमकुंड साहिब तक सेना के 40 जवान, 40 सेवादार और 34 मजदूर आस्था पथ से बर्फ हटाने में जुटे हुए हैं।

गुरुद्वारा प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि गोविंदघाट से दोपहर 2 बजे के बाद किसी भी तीर्थयात्री को घांघरिया नहीं भेजा जाएगा। जबकि घांघरिया से सुबह 10 बजे के बाद तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब नहीं भेजे जाएंगे। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत बिंद्रा ने कहा है कि सांस संबंधित बीमारी वाले तीर्थयात्री और बच्चों को यात्रा पर न लाएं। जून महीने में बर्फ पिघल जाने के बाद ही इन लोगों को यात्रा पर आने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक आस्था पथ से बर्फ पिघल कर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक तीर्थयात्रियों की संख्या भी सीमित ही रखी जाएगी।

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