केंद्र व प्रदेश सरकार के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा रहा है

आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान किये जाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जनपद पौड़ी स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर लगातार मजबूती से आगे कदम बढ़ा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा इकाइयों और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सुविधाएं आम जनमानस तक पहुंचायी जा रहीं हैं।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पारूल गोयल ने बताया कि केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के सपने को साकार करने और जनपद पौड़ी में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए विकासखण्ड स्तर पर चिकित्सा इकाइयों के निर्माण के साथ ही उनके सूदृढ़ीकरण के प्रयासों के तहत मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में 42 बैड और कलालघाटी में 32 बैड वाली पीडियाट्रिक यूनिटों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा रिखणीखाल में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट (बी0पी0एच0यू0) व मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में 50 बैडेड क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण कर आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। वहीं बी0पी0एच0यू0 कलालघाटी, बी0पी0एच0यू0 एकेश्वर, बी0पी0एच0यू0 कोट में ट्रांजिट हॉस्टल, उप जिला चिकित्सालय व चिकित्सा अधिकारियों के लिए आवासों का कार्य निर्माणाधीन है, जिसे जल्द ही पूरा किया जाएगा। जनपद में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए कल्जीखाल में बी0पी0एच0यू0 यमकेश्वर, खिर्सू, लक्ष्मणझूला में ट्रांजिट हॉस्टिल के साथ ही सी.एच.सी. थलीसैंण को उप जिला चिकित्सालय के रूप में उच्चीकृत कर आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जायेगी।

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत 100 दिवसीय अभियान चलाया गया, जिसमें जनपद में संभावित टीबी वाले लोगों की स्क्रीनिंग की गयी है। इसके साथ ही जनपद में प्रत्येक ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त करने के लिए टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम जनपद में संचालित हैं, जिसमें वर्तमान तक 1085 गांवों के साथ ही 412 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त किया जा चुका है। इसके साथ ही निक्षय मित्र अभियान के तहत जनपद में 494 निक्षय मित्र बनाये गये हैं, जिनके द्वारा 561 टी.बी. रोगियों को गोद लिया गया है।

विद्यालयी स्तर पर वित्तीय वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत समस्त आंगनबाडी केन्द्रों और सरकारी विद्यालयों में चिकित्सकीय दल द्वारा 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है और गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों का सूचीबद्ध चिकित्सालयों में निशुल्क उपचार किया गया है। विभिन्न विद्यालयों में 54613 बच्चों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में 44497 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 09 बच्चों की सफल सर्जरी की गई और साथ ही 92 बच्चों को बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया।

एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत जनपद के विद्यालयों, आंगनबाड़ियों और सामुदायिक स्तर पर गर्भवती महिलाओं, 0 से 10 वर्ष के बच्चों व किशोर- किशोरियों को आयरन फॉलिक एसिड की टेबलेट वितरित की जाती हैं। इसके साथ ही जनपद में आशा कार्यकर्त्रियों के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर कार्यक्रम के अर्न्तगत किशोरियों को सैनेटरी पैड वितरित किये जाते हैं। एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद के सभी विद्यालयों में टी-3 कैम्प आयोजित किये जा रहे हैं, जिसमें किशोर-किशोरियों की एनीमिया की जांच की जा रही है तथा एनीमिया से ग्रस्त बच्चों को आई.एफ.ए. टैबलेट निशुल्क वितरित की जा रही हैं।

जनपद के कुल 30 अल्ट्रासाउंड केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की जनता तथा गर्भवती महिलाओं को अधिकतम लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से दूरस्थ क्षेत्रों की 6 सरकारी इकाइयों में भी अल्ट्रासाउंड मशीनें स्थापित की गयी हैं, जिनका समय-समय पर जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समिति द्वारा निरीक्षण किया जाता है। पी.सी.पी.एन.डी.टी. कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद का लिंगानुपात वर्ष 2024-25 में 969 रहा जिसमें सुधारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है।

जनपद में आम जनमानस को 5 लाख तक का निःशुल्क उपचार प्रदान किये जाने के लिए अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना संचालित है। योजना के तहत वर्तमान में कुल 422788 आयुष्मान कार्ड व 500783 आभा आईडी बनायी जा चुकी हैं तथा 105263 लोगों द्वारा आयुष्मान योजना का लाभ लिया जा चुका है। जिन लोगों द्वारा वर्तमान में आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी नहीं बनायी गयी है वह अभी भी कार्ड बना सकते हैं।

स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव बढ़ाने एवं जच्चा-बच्चा की सुरक्षा हेतु प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान योजना प्रमुख है। इस योजना में गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु चिकित्सालय तक लाने के लिए 108 व प्रसव उपरान्त जच्चा-बच्चा को घर तक छोडने के लिए खुशियों की सवारी 102 संचालित है। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव उपरान्त महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 1400 व राज्य सरकार द्वारा संचालित ईजा-बोई शगुन योजना के तहत 2000 रूपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 7400 संस्थागत प्रसव हुये हैं। विभागीय प्रयासों से लगातार संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी हो रही है और मातृ-मृत्यु दर में भी कमी आयी है। हाइरिस्क प्रैगनेंसी को टैªक करने हेतु जनवरी 2023 में प्रारम्भ किये गये काव्या ऐप के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 417 हाइरिस्क प्रैगनेंसी रजिस्टर्ड की गयी जिसमें 352 महिलाओं को ट्रैक कर संस्थागत प्रसव करवाया गया।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य में मनोचिकित्सकों की कमी के चलते आमजन को मानसिक दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने में होने वाली परेशानियों के समाधान हेतु राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत निमहांस बैंगलोर तथा एम्स ऋषिकेश से जनपद से 03 चिकित्सकों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है, जिसके उपरांत वर्तमान में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाये जा रहे हैं। वर्ष 2024-25 में कुल 81 शिविरों के माध्यम से 823 दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाये गये हैं।

राष्ट्रीय प्रतिरक्षण कार्यक्रम के अर्न्तगत बच्चों का निःशुल्क टीकाकरण गंभीर बीमारियों से बचाने का एक सरल, सुरक्षित और प्रभावी तरीका है, जिसमें 0 से 01 साल तक के बच्चों का जनपद में नियमित टीकाकरण किया जाता है। बच्चों के नियमित टीकाकरण में 91.56 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है।

राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत जनपद में मोतियाबिंद ऑपरेशन के 3800 वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 10849 ऑपरेशन किये गये हैं जो कि लक्ष्य का 285 प्रतिशत है। कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों में बच्चों के आंखों की स्क्रीनिंग व निःशुल्क चश्मा वितरण का कार्य भी लक्ष्य के सापेक्ष 100 प्रतिशत किया जा चुका है।

राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग कार्यक्रम के अर्न्तगत जिला चिकित्सालय पौड़ी स्थित एनसीडी क्लीनिक में कुल 4902 पंजीकरण हुए हैं। व्यक्तियों की गैर-संचारी रोग रोकथाम, पोषण तथा खानपान सम्बन्धित कांउसलिग की गयी तथा 7481 व्यक्तियों को फीजियोथैरेपी सुविधाएं दी गयीं। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत 136 स्कूल व कॉलेजों मंे जागरुकता गतिविधियों का आयोजन किया गया और 2973 व्यक्तियों को तम्बाकू छोड़ने से सम्बन्धित काउंसलिंग दी गयी। मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 7801 व्यक्तियों को मुख स्वास्थ्य सम्बन्धित उपचार सुविधाएं प्रदान की गयी।

सीपीएचसी योजना के अंतर्गत आयुष्मान भारत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर अब आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के रूप में विकसित किये गये हैं। जनपद में 225 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में 185 सी.एच.ओ. नियुक्त हैं, जिनके माध्यम से सामुदायिक स्तर पर शिविर लगाकर स्वास्थ्य सेवायें घर-घर तक पहुंचायी जा रही हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा 225 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तथा 4847 आयुष्मान स्वास्थ्य शिविरों में 161693 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी है।

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