मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले समय में सभी जिलों में एक-एक अटल आवासीय विद्यालय खोलेगी। इसके बाद प्रत्येक विकासखंड में यह विद्यालय खोले जाएंगे। सीबीएसई बोर्ड पर आधारित इन विद्यालयों में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चे व अनाथ बच्चे पढ़ेंगे। इसमें कक्षा एक से 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त होगी। वर्तमान में मंडल मुख्यालयों में 18 विद्यालय बन चुके हैं जिनमें पढ़ाई इसी वर्ष से शुरू हो जाएगी।
कई बार सुनने को आता है कि गिरोह बच्चों को दिव्यांग बनाकर उनसे जबरन भिक्षावृत्ति करवाते हैं। कई गिरोहों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई भी होती रही है। भिक्षावृत्ति करने वाले परिवारों का पुनर्वास किया जा सके, इस दृष्टि से स्माइल परियोजना प्रारंभ की गई है। आज यहां 102 बच्चों का पुनर्वास किया गया है। इनका बेसिक शिक्षा के स्कूलों में दाखिला करा दिया गया है। इनके मन में उत्साह है, तमन्ना है, जीवन में कुछ कर गुजरने का जज्बा है।
इस जज्बे को प्लेटफार्म देने का काम प्रशासन का होना चाहिए और प्रशासन ने अपनी इस जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभाया है। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ में जोड़ा गया, जिसका परिणाम आज सबके सामने है। इन प्रयासों से ये बच्चे अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए नई लगन के साथ आगे बढ़ रहे हैं। योगी ने कहा कि किसी कार्य के लिए योजना की कमी नहीं है। आज बेसिक शिक्षा परिषद प्राइमरी स्कूलों में दाखिला लेने वाले हर बच्चे को यूनिफार्म, किताबें, ड्रेस, जूते-मोजे आदि उपलब्ध करा रहा है।
प्रदेश के बेसिक स्कूलों में 1.91 करोड़ बच्चे हैं। सभी को इसका लाभ मिल रहा है। इसी योजना के तहत इन बच्चों को स्कूल बैग, कापी, किताबें व यूनिफार्म प्रदान की गईं हैं। साथ ही इन्हें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जोड़ा गया है। इन्हें 2,500 रुपये प्रतिमाह मिलेगा। जो नवयुवक, महिलाएं, दिव्यांगजन भिक्षावृत्ति कर रहे हैं, उनका भी पुनर्वास कर उन्हें शासन की योजनाओं से लाभांवित किया जाए।
कार्यक्रम को महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, मंडलायुक्त रोशन जैकब, महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद आदि उपस्थित थे।