मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि त्योहारों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। शांति व्यवस्था के साथ खिलवाड़ की अनुमति किसी को नहीं होनी चाहिए। त्योहारों को देखते हुए साफ-सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। मानक के अनुरूप ही डीजे बजाने की अनुमति होनी चाहिए।
दो दिवसीय दौरे परबुधवार की शाम गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि दशहरा एवं अन्य त्योहारों को देखते हुए सारी व्यवस्था कर ली जाए। दुर्गा प्रतिमाओं को सड़क पर न रखा जाए। विसर्जन की तैयारियों को समय से पूरा कर लें। जुलूस मार्गों का निरीक्षण कर ढीले तारों, जर्जर खंभों को ठीक कर लिया जाए। किसी भी दशा में निर्धारित मानक से तेज आवाज में डीजे नहीं बजना चाहिए। शांति एवं सद्भावना समितियों की बैठक जरूर करें। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास परियोजनाओं को लेकर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं को समय से पूरा किया जाए। निर्माण कार्य की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि परियोजनाओं के प्रगति की निगरानी जरूर करें। बैठक में एडीजी जोन अखिल कुमार, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर, जीडीए उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन आदि उपस्थित रहे।
सीएम ने धीरज सिंह को दी श्रद्धांजलि, शोक संतप्त परिवार से मिले
दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र हाकी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री धीरज सिंह हरीश को श्रद्धांजलि अर्पित की। टाउनहाल स्थित उनके आवास पर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने धीरज के निधन पर गहरा दुख जताया। उनका गत दिनों निधन हो गया था।
इस दौरान स्व. धीरज सिंह हरीश की माता मालती सिंह, चाची व पूर्व विधायक गौरी देवी, पत्नी बेबी सिंह, पुत्री अनुश्री सिंह, मनीष सिंह, पंकज सिंह, आदित्य प्रताप सिंह, अक्षत प्रताप सिंह, पिंकी सिंह, सरवन सिंह, रंजन सिंह, सतीश सिंह, छोटू सिंह, राजा सिंह, सावन सिंह, पूरन सिंह, गुड़िया सिंह, महापौर डा.मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ला, महेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
खेल से था लगाव
मूलरूप से खजनी के मंझरिया के धीरज सिंह छात्र राजनीति में बेहद सक्रिय थे। वह वर्ष 1993 में गोरखपुर विश्वविद्यालय के महामंत्री रहे थे। हाकी और कुश्ती से लगाव की वजह से ही विभिन्न खेल संगठनों के पदाधिकारी भी रहे।