बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर शिक्षा से जोड़ा जाएगा – देहरादून डीएम

भिक्षावृत्ति सभ्य समाज के लिए अभिशाप है। इसी के दृष्टिगत केंद्र सरकार ने पिछले दिनों देशभर के 30 शहरों को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के आदेश दिए थे। हालांकि, इन शहरों में देहरादून का नाम शामिल नहीं है, लेकिन देहरादून भिक्षावृत्ति के जाल से अछूता भी नहीं है। दून शहर को भिक्षावृृत्ति से मुक्त करने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल लगातार कारर्य कर रहे हैं। जिसकों लेकर शनिवार को जिलाधिकारी से जिला प्रशाासन के अधिकारियो व पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर भिक्षावृत्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चर्चा की।

शहर के तमाम चौक-चौराहों पर मासूम बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों के भीख मांगने का दृश्य आम बात है और नीति नियंता तमाम प्रयासों के बावजूद बेबस नजर आ रहे हैं। अफसोस यह है कि समानता, शिक्षा और स्वास्थ्य का अधिकार इनके लिए कोई मायने नहीं रखता। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी समेत शासन और जिला प्रशासन समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई का दावा जरूर करते हैं, लेकिन इन प्रयासों को कभी शत प्रतिशत सफलता नहीं मिल पाती। देहरादून समेत प्रदेश के तमाम बड़े शहरों में बढ़ती भिक्षावृत्ति पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी चिंता जता चुका है। चौक-चौराहों, धर्म स्थलों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर भीख मांगने वालों को न तो मुख्य धारा से जोड़ने में सफलता मिल पा रही है, न बच्चों को भिक्षावृत्ति में धकेलने वाले गिरोह पर ही कोई शिकंजा कसा जा रहा है। दून में सार्वजनिक स्थलों पर ज्यादातर बच्चे और महिलाएं ही भिक्षावृत्ति में लिप्त मिलते हैं। यह हर किसी के लिए चिंताजनक है कि जिन हाथों में किताबें होनी चाहिएं, वह भीख मांग रहे हैं।

सरकारी इंतजाम के अभाव में भिक्षावृत्ति रोकना बड़ी चुनौती बना हुआ है। सार्वजनिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति से पर्यटक, स्थानीय नागरिक और व्यापारी भी परेशान हैं। दून में राजपुर रोड, कारगी चौक, प्रिंस चौक, दर्शन लाल चौक, शिमला बाईपास, राजपुर रोड, रिस्पना पुल, रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी, बिंदाल पुल सहित कई चौक-चौराहों पर भीख मांगने वालों का जमावड़ा लगा रहता है। उनकी नजरें चौक पर रुकने वाले वाहन सवारों या आसपास के होटल व दुकानों से निकलने वाले व्यक्तियों पर रहती हैं। हाथ पसारे ये बच्चे और महिलाएं काफी दूर तक पीछा भी करते हैं। इसके अलावा धर्म स्थलों के बाहर भी इनका डेरा रहता है। यही नहीं पर्यटक स्थल मसूरी, सहस्रधारा, टपकेश्वर, गुच्चुपानी में भी ये लोग आगे-पीछे मंडराते रहते हैं। जिसकों लेकर जिलाधिकारी ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजधानी व जनपद देहरादून में लगातार बाहरी राज्यों से भिखारी भिक्षा मांगने के लिए आते है और लोगों को परेशान करते हैं। बच्चों से लेकर बड़ो तक भिक्षा मांगते है। जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों को भिक्षा वृत्ति से हटाकर उन्हें शिक्षा से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा और जो बड़े व बर्जुग भिक्षा मांग रहे है उन्हें चौक व चौराहों से हटाकर भिक्षुगृह में भेजा जाएगा। उसके लिए पुलिस विशेष अभियान चलाएगे।

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