राज्य में लगभग छह हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जाता है। 11 हजार से अधिक लोग मछली व्यवसाय कर रहे हैं। प्रदेश में अभी तक कॉमन कार्प, सिल्वर कॉर्प, राहू मछली का उत्पादन अधिक है। सरकार ने आने वाले एक साल के भीतर मछली उत्पादन को 11 हजार मीट्रिक टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए पहली बार सरकार राज्य मत्स्य विकास बोर्ड का गठन करेगी। सचिव मत्स्य की अध्यक्षता में बोर्ड का ढांचा तैयार किया जा रहा है। जिसके बाद मंजूरी के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबंध समिति की बैठक में बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया।
बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार की ट्राउट फिश उत्पादन बढ़ा कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है। प्रदेश सरकार पशुपालन विकास के लिए उत्तराखंड पशुधन विकास बोर्ड की तर्ज पर अब मछली पालन के लिए अलग से मत्स्य विकास बोर्ड बनाने जा रही है।
राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबंध समिति की बैठक में बोर्ड का गठन फैसला लिया गया। बोर्ड के ढांचे का प्रस्ताव बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सरकार का मानना है कि बोर्ड के माध्यम से मछली पालन योजना को संचालित किया जाएगा।
जिला वार मछली उत्पादन की स्थिति
जिला मछली उत्पादन (मीट्रिक टन)
उत्तरकाशी 93.542
चमोली 149.285
टिहरी 83.524
देहरादून 295.53
पौड़ी गढ़वाल 73.036
रुद्रप्रयाग 44.17
हरिद्वार 1424.89
पिथौरागढ़ 96.184
अल्मोड़ा 54.43
नैनीताल 53.081
बागेश्वर 48.152
चंपावत 30.315
ऊधमसिंह नगर 2921.349
उत्तरकाशी 93.542
चमोली 149.285
टिहरी 83.524
देहरादून 295.53
पौड़ी गढ़वाल 73.036
रुद्रप्रयाग 44.17
हरिद्वार 1424.89
पिथौरागढ़ 96.184
अल्मोड़ा 54.43
नैनीताल 53.081
बागेश्वर 48.152
चंपावत 30.315
ऊधमसिंह नगर 2921.349