एक दिन खुलने के बाद गुरुवार को एक बार फिर गंगा का जलस्तर बढ़ने से राफ्टिंग की गतिविधि को बंद करना पड़ा। पर्यटन विभाग ने राफ्टिंग पर फिर से अस्थायी रोक लगा दी है।
बुधवार शाम से मैदानों से लेकर पहाड़ों में वर्षा का क्रम जारी है। जिससे गंगा के जलस्तर में एक बार फिर से वृद्धि हो गई। गुरुवार को यह जलस्तर राफ्टिंग के लिए तय किए गए ग्रीन लेबल मानक को पार कर गया। जिसके बाद पर्यटन विभाग की तकनीकी समिति ने निरीक्षण के बाद राफ्टिंग पर अस्थायी रोक लगा दी।
इससे पहले 16 से 20 सितंबर तक पांच दिन गंगा में राफ्टिंग का संचालन बंद रहा। गुरुवार को बड़ी संख्या में पर्यटक राफ्टिंग के लिए पहुंचे थे। मगर, राफ्टिंग बंद होने से उन्हें निराश लौटना पड़ा। जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी केएस नेगी ने बताया कि गंगा का जलस्तर घटने के बाद तकनीकी समिति की जांच रिपोर्ट के बाद फिर से राफ्टिंग शुरू कराई जाएगी।
बीते कुछ दिनों से हो रही वर्षा और फिर गुरुवार तड़के शुरू हुई तेज वर्षा से रायवाला में प्रतीतनगर व हरिपुरकलां की सड़कें दलदल बन गयी। वहीं मोतीचूर व वैदिक नगर अंडर पास में जलभराब से ग्रामीणों को आने-जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ी।
लगातार हो रही वर्षा ने पहले से ही खस्ताहाल प्रतीतनगर के मुख्य मार्ग की सूरत बिगाड़ कर रख दी। तमाम जगह पर जलभराव से ग्रामीणों का पैदल चलना दूभर हो गया। वहीं स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को जूते हाथ में लेकर चलना पड़ रहा है। भगत सिंह चौक से लेकर एसडीएम इंटर कालेज के चौक तक सड़क बेहद जर्जर हालत में है।
वहीं शिव मंदिर के पास जलभराब और प्रतीतनगर प्राइमरी स्कूल तक पूरी सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। वहीं हरिपुरकलां में बिरला फार्म व आनंदोत्सव वाली सड़क पर दलदल और जलभराब ने स्थानीय लोग की मुसीबतें बढ़ा दी। गांव की कई आंतरिक गलियों का भी यही हाल है।
भगत सिंह कालोनी मोतीचूर के लिए बना अंडर पास तकनीकी खामी और गुणवत्ता की कमी के चलते ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। अंडर पास में आए दिन जलभराव होने से आने-जाने वालों को न केवल परेशानी उठानी पड़ रही है, बल्कि दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने यह अंडर पास करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च करके बनाया है। वर्षा से अंडरपास की छत से लगातार पानी टपक रहा है। निकासी का प्रबंध न होने से पानी सड़क में जमा हो रहा है।
पूर्व प्रधान सतेंद्र धमान्दा ने बताया कि मोतीचूर के लिए बने अंडरपास में तमाम खामियां हैं। यहां से आवाजाही करने वालों के जूते, कपड़े भीग रहे हैं। यहां लगी एक भी लाइट जलती नहीं है। यही स्थिति वैदिक नगर में बने अंडर पास की है।