विधानसभा स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों और पीआरडी दल के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में विभागीय मंत्री ने कहा पीआरडी जवानों की अब तक पुलिस के साथ शांति व्यवस्था और चारधाम यात्रा में डयूटी लगती थी, लेकिन अब शैक्षिक योग्यता के आधार पर उन्हें खेल प्रशिक्षक, क्लर्क, माली, चौकीदार, कंप्यूटर ऑपरेटर, वाहन चालक सहित विभिन्न विभागों में जरूरत के हिसाब से तैनाती मिल सकेगी।
राज्य गठन के बाद पहली बार पीआरडी एक्ट में संशोधन से जवानों का कई विभागों में तैनाती का रास्ता साफ हो गया। मंत्री रेखा आर्य ने इसके लिए अधिकारियों को इसी महीने नियमावली तैयार कर शासनादेश जारी करने के निर्देश दिए हैं। भर्ती की आयु सीमा भी अधिकतम 30 साल से बढ़ाकर 42 साल और सेवानिवृत्ति की आयु 50 से बढ़ाकर 60 साल की गई है।
डयूटी के दौरान दुर्घटना में मौत पर अब दो लाख
महिलाओं को मातृत्व अवकाश और सभी जवानों को राजपत्रित अवकाश मिलेगा। डयूटी के दौरान दुर्घटना में मौत पर एक लाख रुपये की धनराशि को बढ़ाकर दो लाख, बीमारी से मौत पर 75 हजार की धनराशि को बढ़ाकर डेढ़ लाख एवं सामान्य डयूटी में मौत पर 50 हजार की धनराशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा रहा है। जो नियमावली बनने के बाद से लागू होगा।
बैठक में सचिव खेल एवं युवा कल्याण अभिनव कुमार, निदेशक खेल एवं युवा कल्याण जितेंद्र सोनकर, संयुक्त निदेशक युवा कल्याण अजय अग्रवाल, उपनिदेशक शक्ति सिंह, उप निदेशक सर्वेन्द्र जयराज, निर्मल कुमार, दीप्ति जोशी, प्रांतीय रक्षक दल के अध्यक्ष प्रमोद मंद्रवाल आदि मौजूद रहे।
मृतक आश्रितों को मिली नौकरी
मंत्री रेखा आर्य ने कहा पीआरडी में मृतक आश्रितों को नौकरी की सरकार पहले ही व्यवस्था कर चुकी है। इसका जीओ होने के बाद पात्र लोगों को दल में नौकरी दी जा रही है।