बदरीनाथ हाईवे छिनका में चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर सड़क पर आ गया। गनीमत यह रही कि भूस्खलन का आभास होने पर स्थानीय लोगों ने यात्री वाहनों सहित अन्य वाहनों को रोक दिया। इसके बाद एनएच की टीम ने यहां से मलबा हटाकर करीब नौ घंटे के बाद यातायात सुचारू कराया। इसमें नौ घंटे तक दोनों ओर एक हजार यात्री फंसे रहे।
रविवार सुबह 11 बजे लगभग छिनका भूस्खलन जोन से लगे क्षेत्र में पहाड़ दरकने की आवाज आई। इस दौरान हल्का भूस्खलन हुआ तो बड़े खतरे को भांपते हुए स्थानीय लोगों ने शोर मचाकर हाईवे के दोनों ओर वाहनों को रोक दिया। देखते ही देखते हाईवे पर चट्टान का एक बड़ा हिस्सा टूटकर आ गया, जिससे क्षेत्र में धूल का गुबार बन गया। वाहनों की आवाजाही रुकने से खतरा टल गया। स्थानीय लोगों की ओर से ट्रैफिक रोकने पर तीर्थयात्रियों ने उनका आभार जताया।
वहीं नंदा देवी राजजात मार्ग देवाल -थराली पाल्योभ्योल में सड़क पर लगातार मलबा व बोल्डर गिरने से दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया, जिससे ग्रामीणों को पैदल आवागमन करना पड़ रहा है।
दूसरी ओर गौरीकुंड डोलिया देवी में मलबा आने से बंद चल रहा गौरीकुंड हाईवे पर सात घंटे बाद आवाजाही के लिए सुचारू किया गया, जबकि बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में भी यातायात के लिए सुचारू हो गया है। इस दौरान मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगने से यात्रियों के साथ स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ी।
शनिवार को गौरीकुंड हाईवे डोलिया देवी में भारी मलबा आने से पूरे दिन बंद रहा था। हालांकि रात्रि आठ बजे मार्ग यातायात के लिए खोला गया। वर्षा होने से रविवार को फिर सुबह चार बजे मार्ग पर मलबा आने से बंद हो गया। इससे लोगों को आवाजाही में परेशानी हुई। बड़ी मशक्कत के बाद दोपहर 12 बजे वाहनों की आवाजाही के लिए मार्ग सुचारू हो सका।