केदारनाथ दर्शनों को आने वाले तीर्थ यात्रियों को प्लास्टिक के बजाय कागज के दोने में ही प्रसाद उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि धाम में कम से कम कूड़ा एकत्र हो। प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने के लिए प्रसाद बनाने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही प्रसाद की गुणवत्ता जांचने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी की ओर से व्यवस्था की जाएगी।
केदारनाथ धाम के कपाट आगामी 25 अप्रैल को खोले जाने हैं। बुधवार को केदारनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के साथ विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने तीर्थ यात्रियों के लिए एक समान और गुणवत्तायुक्त प्रसाद की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही।
इसके लिए उन्होंने श्री केदारनाथ महाप्रसादम स्वायत्त सहकारी संघ में महिला स्वयं सहायता समूहों के पंजीकरण के निर्देश दिए। कहा कि इस संबंध में समय से बैठक आयोजित कर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने उपस्थित महिला स्वयं सहायता समूहों से कहा कि केदारनाथ धाम में मिलने वाले प्रसाद की पैकेजिंग में किसी भी दशा में प्लास्टिक का प्रयोग न करें।
उन्होंने प्रसाद वितरण के लिए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, व्यापार मंडल के पदाधिकारियों और पर्यटन विभाग के साथ संबंधित समूहों के पदाधिकारियों के साथ बैठक बुलाने को कहा। जिलाधिकारी ने उद्योग विभाग के महाप्रबंधक को प्रसाद के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री की जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, परियोजना निदेशक केके पंत, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक एचसी हटवाल, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी, मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र बिष्ट आिद मौजूद रहे।