कानपुर देहात के रूरा थानाक्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए अग्निकांड में जलकर मरने वाली मां-बेटी के परिवार से कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा मिलने आ सकती हैं। घटना के बाद से पुलिस प्रशासन ने अब तक किसी भी विपक्षी दल के किसी भी नेता को परिवार से मिलने नहीं दिया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि प्रियंका का यह दौरा औचक व गोपनीय रह सकता है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी ने घटना की पूरी जानकारी मांगी थी जो उपलब्ध करा दी गई है। माना जा रहा है कि इस हफ्ते के अंत तक वह पीड़ित परिवार से मिल सकती हैं।
बता दें, रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव के कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला दीक्षित और बेटी शिवा की अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान आग में झुलसने से मौत हो गई थी। पीड़ित का आरोप था कि पुलिस प्रशासन ने ही गांव के कुछ लोगों के साथ मिलकर साजिश रची।
पहले उन्हें बेघर किया, फिर जबरन घर जला दिया, जिससे उनकी पत्नी व बेटी की मौत हो गई। फिलहाल मामले में एसपी हरदोई की अध्यक्षता में गठित कमेटी दर्ज मामले की जांच करेगी। वहीं, मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी।
बता दें कि ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने के दौरान झोंपड़ी में मां बेटी के जिंदा जलने संबंधी मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन कर दिया है। कानपुर देहात के चालाहा गांव का प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है।
दरअसल, इस गांव में ग्राम समाज की जमीन से प्रशासन की टीम कब्जा हटाने गई थी। इसी दौरान इस जमीन पर स्थित झोपड़ी में आग लग गई, जिसमें झोपड़ी बनाकर रह रहे गोपाल दीक्षित की पत्नी और पुत्री दोनों की इसमें जिंदा जलने से मौत हो गई।
इस मामले में सरकार ने वहां के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह को निलंबित कर दिया है। साथ ही हत्या के आरोप में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच अब एसआईटी करेगी, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी।