यूपी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों देशभर में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी रैलियों और रोड शो में व्यस्त हैं। लखनऊ संसदीय सीट से तीसरी बार मैदान में उतरे राजनाथ सिंह कहते हैं कि विपक्ष के पास मुद्दों का अकाल है, इसलिए मोदी सरकार पर निराधार आरोप लगा रहा है। वह एनडीए की 400 सीटों के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त हैं।..
चुनाव में कानून व्यवस्था भी एक बड़ा मुद्दा बन रही है। आपको क्या लगता है?
योगीजी ने यहां की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी जितनी सराहना की जाए, वह कम है। सभी जानते हैं कि किसी भी राज्य के विकास की पहली शर्त होती है बेहतर कानून व्यवस्था, इस काम को उन्होंने बखूबी किया है। योगीजी के नेतृत्व में विकास कार्य भी तेजी के साथ हो रहे हैं।
आपको सरकार और संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। तीन चरणों के मतदान के बाद एनडीए को कहां खड़ा पाते हैं?
अब तक के मतदान को देखकर आश्वस्त हूं कि एनडीए 400 पार का लक्ष्य पूरा कर रहा है। समाज के हर वर्ग का वोट भाजपा को न मिल रहा हो।
उत्तर प्रदेश में एनडीए को कितनी सीटें मिलने का अनुमान है?
सीटों की संख्या के बारे में तो कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन फीडबैक के आधार पर कह सकता हूं कि इस बार हम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। हमारा लक्ष्य 80 सीटों का है, जिसे हम हासिल कर रहे हैं।
…लेकिन अखिलेश यादव कहते हैं कि 400 पार नहीं, 400 हार है?
उन्हें कहने का हक है। वह कह सकते हैं। यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे क्या है।
‘न भूतो न भविष्यति’
पिछले पांच वर्षों के दौरान संसदीय क्षेत्र में 54 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के तमाम कार्य करा चुके राजनाथ सिंह कहते हैं कि उन्होंने पहले भी कुछ नहीं कहा था और आज भी कोई आश्वासन नहीं देना चाहते हैं, लेकिन लखनऊ में इतने काम करा देंगे कि ‘न भूतो न भविष्यति’ होगा। आश्वासन देने से यह होता है कि जितना आदमी कहता है, उतना कर नहीं पाता। उससे राजनीति में और उस व्यक्ति के प्रति विश्वास का संकट पैदा होता है।
रिंग रोड से लेकर फ्लाईओवर, अंडरपास, लखनऊ-कानपुर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे, नया एयरपोर्ट टर्मिनल, लखनऊ मेट्रो रेल, रेलवे स्टेशनों आदि के विकास संबंधी कार्यों को गिनाते हुए वह बताते हैं कि 12 फ्लाईओवर व अंडरपास बन चुके हैं, दो और दो-तीन माह में चालू हो जाएंगे जबकि 13 स्वीकृत हैं। इनका काम भी आचार संहिता समाप्त होने के बाद शुरू हो जाएगा। इनके निर्माण से जाम की समस्या से निजात मिल रहा है। यह कहना भी अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं है कि प्रतिदिन चलने वालों की जेब का अब 100-200, 400 रुपये और समय बचता ही है।
विकसित भारत के साथ विकसित लखनऊ भी
राजनाथ बताते हैं कि ब्रम्होस मिसाइल निर्माण केंद्र, डीआरडीओ लैब रक्षा प्रौद्योगिकी एवं परीक्षण केंद्र, टेक्सटाइल पार्क की स्थापना भी लखनऊ में हुई है। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री रहते अटलजी के निर्देश पर शहीद पथ को भी मैंने ही मंजूर कराया था।
लखनऊ में तेजी से अवस्थापना सुविधाओं के विकास को देखते हुए यहां खासतौर से आइटी सेक्टर के साथ ही वेयरहाउसिंग, होटल व अस्पताल में निवेश आ रहा हैं। मेरी कोशिश है कि अवस्थापना विकास के साथ ही ज्यादा से ज्यादा रोजगार भी सृजित हों ताकि नौजवानों को लखनऊ में ही नौकरी के अधिक अवसर मिल सकें।
शहर के अनियोजित विकास के सवाल पर कहा कि जनप्रतिनिधि की एक सीमा होती है, वह कोई दावा नहीं कर सकता है, लेकिन राज्य सरकार के सहयोग से शहर के सुनियोजित विकास के लिए जो कुछ संभव होगा वह किया जाएगा। विकसित भारत के साथ खासतौर से विकसित लखनऊ भी होगा।