आज पहाड़ से मैदान तक बदलेगा लगा मौसम, दून-नैनीताल समेत कई जिलों में बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से आज सोमवार को उत्तराकशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। जबकि अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहेगा। उधर, मंगलवार को भी प्रदेश के कुछ इलाकों में मौसम खराब होने के आसार हैं।

केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार भले ही साल की शुरुआत से मौसम में बदलाव होने से ठंड का अहसास कम हुआ हो, लेकिन आने वाले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है।

कमजोर पश्चिमी विक्षोभ से बढ़ने लगा तापमान

बीते कुछ समय से मौसम के बदले पैटर्न से न सिर्फ मौसम वैज्ञानिक चिंतित हैं, बल्कि आने वाले समय में जल संकट का भी खतरा बढ़ सकता है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ कमजोर होने लगा है, जिसके चलते पोस्ट विंटर की बारिश में गिरावट आई है। इससे न सिर्फ तापमान बढ़ रहा, बल्कि हिमालय में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों के कारण बर्फ की चादर में तेजी से कमी देखी जा रही है।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सर्दियों के बाद उत्तराखंड में तीन से चार बार मजबूत पश्चिमी विक्षोभ आते थे। इसकी वजह से न सिर्फ प्रदेश भर में अच्छी बारिश होती थी, बल्कि ऊंचाई वाले इलाकों में खूब बर्फबारी भी होती थी। बीते कुछ सालों से ऐसा नहीं हो रहा है। इसकी वजह से मौसम में इस तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मिजोरम विश्वविद्यालय, आइजोल के प्रोफेसर विश्वंभर प्रसाद सती ने बताया, जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण प्राकृतिक प्रक्रियाओं में तेजी से हुए बदलाव की वजह से पश्चिमी विक्षोभ कमजोर हुआ है।

प्राकृतिक प्रक्रियाओं के आधार पर ही हवाएं चलने के साथ बारिश भी नियमित होती है, लेकिन मानसून और सर्दियों में बारिश में कमी होने की वजह से बर्फबारी में भी कमी दर्ज की जा रही है। दरअसल, बर्फबारी के लिए बारिश का होना बहुत जरूरी है। बारिश के बाद ही तापमान में कमी आती है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और मौसम के पैटर्न में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.