मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने प्रधानमन्त्री के सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर बजट पेश किया है। समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति, और वित्तीय क्षेत्र को समर्पित ये बजट, अमृत काल के विजन को बताता है। यह अमृत काल का पहला बजट है। इस बजट में किसान, मध्यम वर्ग, महिला से लेकर समाज के सभी वर्गां के विकास की रूपरेखा है। केन्द्रीय बजट 2023-24 देश के समावेशी विकास और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने वाला है। बजट में खाद्य और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित रखते हुए अगले 1 वर्ष तक सभी प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज की आपूर्ति का निर्णय अत्यन्त सराहनीय है। बजट में राज्यों को 50 साल का ब्याज मुक्त कर्ज एक और साल के लिए बढ़ाया गया है। ये केंद्र की टीम इंडिया की भावना को बताता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय बजट 2023-24 हेतु केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए कहा है कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। 2014 से सरकार के प्रयासों से प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष बनाया जाएगा। अगले 3 वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता मिलेगी। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि कर्ज लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। इससे देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य के किसानों, बागवानों, पशुपालको और मत्स्य पालकों को भी लाभ मिलेगा। जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा। राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी और सार्वजनिक पार्टनरशिप के साथ मिशन मोड पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार किया जाएगा। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन का महत्त्व बहुत अधिक है। निश्चित रूप बजट में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए की जा रही पहल प्रदेश में पर्यटन विकास में काफी सहायक सिद्ध होगी। वाइब्रेंट विलेज के माध्यम से सीमावर्ती गांवों के विकास पर फोकस किया जायेगा। इससे राज्य के सीमावर्ती गांवों को भी लाभ मिलेगा।