मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मुरादाबाद और बरेली मंडल के विधायक-एमएलसी संग अलग-अलग बैठक की। बरेली के जनप्रतिनिधियों ने सीएम के सामने पहुंचते ही अधिकारियों को निशाने पर ले लिया। उनका कहना था कि जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनी जाती। सीएम ने आश्वासन दिया कि ऐसे अधिकारियों के नाम लिखकर दें, सुधार कराया जाएगा। बैठक में बिजली कटौती, बेसहारा पशुओं का मुद्दा भी उठा, जिनके समाधान का रास्ता तय हुआ।
मुख्यमंत्री ने सभी से लोकसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं आने का कारण पूछा। प्रत्येक क्षेत्रवार स्थिति जानने के बाद आपसी मतभेद भुलाकर 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने को कहा। विधायकों को सलाह दी कि प्रतिदिन सुबह को अपने कार्यालय पर जनता दर्शन करें। लोगों की समस्याएं सुनें, निराकरण कराएं। इसके बाद दिन में क्षेत्रों में भ्रमण करें।
बरेली मंडल की बैठक 11.30 बजे और मुरादाबाद मंडल के जनप्रतिनिधियों संग बैठक शाम सात बजे हुई। दोनों बैठकों में चर्चा का आरंभ लोकसभा चुनाव परिणाम से हुआ। चुनाव में कहां कसर रह गई, इस पर बरेली के कुछ विधायकों ने बताया कि कार्यकर्ता उदासीन बने रहे। दूसरे दलों से आए नेताओं की ज्वाइनिंग से पहले पार्टी पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से भी सलाह ली जाती तो माहौल अपेक्षाकृत बेहतर होता।
विधायक बोले- चुनाव संचालन और रणनीति में भी रही कसर
कुछ विधायकों ने कहा कि चुनाव संचालन और रणनीति में भी कसर रही। कुछ प्रत्याशी अति आत्मविश्वास में होने के कारण जनता के करीब नहीं पहुंचे। उन्हें निश्चिंत देखकर कार्यकर्ताओं ने भी अपेक्षित मेहनत नहीं की। हालांकि, मुरादाबाद के जनप्रतिनिधियों से मुस्लिमों के भाजपा के विरोध में एकजुट होने को ही कारण बताया।
बेसहारा पशुओं का उठा मुद्दा
बरेली के जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय समस्याओं के बारे में भी बात की। अधिकतर विधायकों ने बेसहारा पशुओं के लिए गोशाला प्रबंधन की बात कही। मुख्यमंत्री को बताया गया कि बेसहारा पशुओं की तुलना में गोशालाएं कम हैं, यदि बजट बढ़ाया जाए तो प्रबंधन बेहतर हो सकता है। सरकार की ओर से पर्याप्त बिजली दी जा रही मगर, क्षेत्रीय स्तर पर आपूर्ति में कसर है। इसमें सुधार की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने सभी से कहा कि अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक समय दें। दोपहर 1.30 बजे तक चली बैठक के दौरान विधायकों ने क्षेत्रीय मुद्दों से संबंधित पत्र भी सौंपे।