समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) के लिए गठित विशेषज्ञ कमेटी, इस विषय को लेकर व्यापक विचार विमर्श अभियान शुरू करने जा रही है। इसकी शुरुआत कॉलेज-यूनिवर्सिटी से की जा रही है। कमेटी के पास सुझाव आने शुरू हो गए हैं। कमेटी की छठवें दौर की बैठक शनिवार को नई दिल्ली में जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
जिसमें सभी सदस्य शामिल हुए, बैठक में तय किया गया कि कमेटी इसी माह उत्तराखंड के अलग- अलग जिलों में जाकर विभिन्न वर्गों और समुदायों से इस विषय पर विचार विमर्श करेगी। इस दौरान कमेटी समान नागरिक संहिता पर संविधान सभा में हुर्ह बहस, तत्कालीन नेताओं का दृष्टिकोण रखने के साथ ही पर्सनल लॉ के चलते देश की न्यायिक व्यवस्था में आ रही दिक्कतों की जानकारी सार्वजनिक करेगी।
इसकी शुरुआत युवाओं से की जा रही है, इसके लिए कमेटी के सदस्य उत्तराखंड के निजी और सरकारी विवि के युवाओं से संवाद करेगी। समुदायों से भी राय ली जाएगी। इस बीच कमेटी के पास सुझाव आने शुरू हो गए हैं। शनिवार शाम तक ऑनलाइन माध्यम से ही 86 सुझाव आ चुके हैं। कमेटी ने इस बीच संहिता ड्राफ्टिंग का काम शुरू कर दिया। बैठक में सदस्य जस्टिस प्रमोद कोहली, शत्रुघ्न सिंह, सरेखा डंगवाल और मनु गौड़ शामिल हुए।