सब्र का फल मीठा होता है, बचपन से ही यह बात हम सुनते आ रहे हैं | लेकिन कितना सब्र और कितना इंतज़ार करें या करना पड़ सकता है, इसका कोई पैमाना नहीं है | मौजूदा वक्त में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने साल 2011 में एक ट्वीट किया था, तब उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई के अवॉर्ड्स में सूर्यकुमार यादव नाम का एक युवा है, उसपर नज़र रखिए ये धमाल करेगा | तब सूर्या घरेलू क्रिकेट के एक स्टार थे, अब 12 साल के बाद वही सूर्यकुमार यादव दुनिया के नंबर-1 टी-20 बल्लेबाज हैं | यहां तक कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ टी-20 बल्लेबाज भी कहा जा रहा है, सब्र का फल सूर्यकुमार यादव के लिए काफी मीठा निकला और यह एक सपने की तरह है जिसे वह इस वक्त जी रहे हैं और क्रिकेट फैन्स इसका लुत्फ उठा रहे हैं | उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले सूर्यकुमार यादव के परिवार में कोई क्रिकेटर बनेगा, शायद किसी ने नहीं सोचा था |
सूर्यकुमार के पिता अशोक यादव BARC में इंजीनियर थे, माता हाउस वाइफ थीं | बचपन में सूर्या बैडमिंटन और क्रिकेट दोनों ही खेला करते थे, लेकिन फिर उन्होंने क्रिकेट चुन लिया | स्कूल क्रिकेट से शुरुआत हुई और उसके बाद चाचा की मदद से क्रिकेट की प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी मिलने लगी |
कॉलेज लाइफ तक तय हो चुका था कि सूर्यकुमार यादव का करियर अब क्रिकेट में ही बनेगा और वह प्रोफेशनल खेलना शुरू कर चुके थे | लेकिन आईपीएल 2021 से ठीक पहले 30 साल के सूर्यकुमार यादव को टीम इंडिया का बुलावा आया, अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अपने टी-20 करियर की शुरुआत की | पहले मैच में उन्हें बैटिंग नहीं मिली, उसका अगला मैच वह खेल नहीं पाए और उसके बाद वाले मैच में उनकी बल्लेबाजी आई | तीसरे नंबर पर बैटिंग करते हुए सूर्यकुमार यादव ने अपने इंटरनेशनल करियर की पहली बॉल पर ही छक्का जड़ दिया और धमाकेदार आगाज़ का ऐलान कर दिया | वह दिन और आज का दिन है, सूर्यकुमार यादव का ये सफर रुका नहीं है |