स्वच्छ सर्वेक्षण के बारे में अपर निदेशक अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि सभी निकायों में कूड़ा एकत्र करने वालों (वेस्ट पिकर) को वर्दी और आईडी देनी होगी। इसके लिए सर्वेक्षण में अलग से अंक मिलेंगे। इसके अलावा तमाम ऐसे रेड स्पॉट (खुले में पेशाब करने की जगह) हैं, जो गंदगी का सबब रहे हैं। इन जगहों को भी हटाने की प्रक्रिया चलाई जाएगी। उनकी जगह शौचालय बनाए जाएंगे। इसके लिए अलग से अंक मिलेंगे।
प्रदेश के निगम-निकायों में कूड़ा एकत्र करने वाले कर्मचारियों को निकायों से वर्दी और आईडी दी जाएगी। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत इस बार 7500 के बजाए 9500 अंकों के आधार पर निगम-निकायों का मूल्यांकन होगा। इसी आधार पर देशभर में स्वच्छता रैंकिंग जारी की जाएगी।
अब सभी निगमों, निकायों के कर्मचारियों का ऑनलाइन प्रशिक्षण कोर्स होगा। यह डिजिटल ट्रेनिंग होगी जो कि शहरी विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कोर्सेज के आधार पर की जा सकती है। इस ट्रेनिंग के लिए अलग से निकायों को अंक मिलेंगे।
अब तक उत्तराखंड ने जीते हैं 16 अवार्ड