उत्तराखंड में अब किराया अधिकरण में होगा मकान मालिक और किरायेदारों के विवादों का निपटारा

राज्य में अब मकान मालिक और किरायेदारों के विवादों का निपटारा किराया अधिकरण में होगा। हर तहसील में इसके लिए सहायक कलक्टर प्रथम श्रेणी को किराया प्राधिकारी नियुक्त किया जा रहा है। हरिद्वार समेत कई जिलों के जिलाधिकारियों ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।

राज्य में दो साल पहले उत्तराखंड किरायेदारी अधिनियम 2021 लागू हुआ था। इसके तहत किराया संबंधी वादों के निपटारे को डीएम के स्तर से किराया अधिकरण गठित करने का प्रावधान किया गया था। इस कड़ी में अब किराया अधिकरण, प्राधिकरण की तैनाती का आदेश जारी हो गया है।

इस हिसाब से हर तहसील में प्रथम श्रेणी सहायक कलक्टर स्तर के अधिकारी को किराया प्राधिकारी बनाया गया है। जिला स्तर पर एडीएम को किराया न्यायालय नियुक्त किया गया है। किराये की दर में विवाद होने पर प्राधिकारी के स्तर से उसका निर्धारण किया जा सकेगा। किराया प्राधिकारी जो भी आदेश देगा, उसके खिलाफ राज्यस्तरीय किराया न्यायालय में 30 दिन के भीतर अपील की जा सकेगी।

ये काम किरायेदारों की जिम्मेदारी

नल बदलना, नाली की सफाई, शौचालय, वॉश बेसिन, नहाने के टब, गीजर, सर्किट ब्रेकर, सॉकेट-स्विच, विद्युत उपकरणों, रसोई के फिक्सचर की मरम्मत, दरवाजे, खिड़कियों व अलमारी के तालों व नॉब्स को बदलना, फ्लाई नेट को बदलना, खिड़कियों-दरवाजों के कांच के पैनल बदलना, किरायेदार को दिए गए बगीचे व खुले स्थान का रखरखाव करना।

मकान मालिकों की ये जिम्मेदारी

संरचनात्मक मरम्मत, पुताई व दरवाजों-खिड़कियों की पेंटिंग, आवश्यकता पर नल के पाइप बदलना व मरम्मत, बाह्य व आंतरिक इलेक्ट्रिक वायरिंग बदलना।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.