सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायीध्अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.27 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि 218 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है। इसके अतिरिक्त प्रभावित 08 किरायेदारों को भी 50 हजार रूपये प्रति परिवार के हिसाब से 04 लाख रूपये की धनराशि तत्काल सहायता के रूप में आवंटित की गयी है। जोशीमठ के नगर पालिका क्षेत्र में 18 प्रसूता महिलाएँ है, जो वर्तमान में राहत शिविरों में नहीं है। यह प्रसूता महिलाएँ स्वयं के आवासों में रह रही हैं। जिनका निरन्तर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। राहत शिविरों में 10 वर्ष से कम आयु के 81 बच्चे हैं, जिनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। डा0 सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में विभिन्न तकनीकी संस्थानों द्वारा किये जा रहे सर्वेक्षण एवं अध्ययन कार्य निरन्तर जारी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पुनः जोशीमठ के आपदा प्रबन्धन कार्यों के सम्बन्ध में बैठक ली। सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 250 एल.पी.एम है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 650 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2919 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। जोशीमठ में राहत शिविरों में कक्षों की संख्या 615 से बढ़ाकर 650 कर दी गई है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। सर्वेक्षण का कार्य गतिमान है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र ध् वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 269 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 900 है। प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।