भारी बारिश का कहर हालात पर काबू पाने के लिए SDRF उतरी

कुमाऊं में पांच दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऊधमसिंह नगर के खटीमा, सितारगंज और आसपास के गांवों में तबाही सा मंजर है। एसडीआरएफ और जल पुलिस ने करीब एक हजार लोगों को रेस्क्यू किया। जलभराव में डूबने और नदी में बहने से दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लापता है वहीं बनबसा के देवीपुरा गांव में 13 साल की बालिका बह गई।

सोमवार शाम मौसम खुलने और धूप खिलने से राहत मिली लेकिन नदी-नाले उफान पर हैं। कुमाऊं की 134 सड़कों समेत प्रदेश में अब भी 325 मार्ग बंद हैं। कुमाऊं में 550 से अधिक गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। पिथौरागढ़-धारचूला-तवाघाट एनएच पर मलबा गिर रहा है। चंपावत के पालबिलौन क्षेत्र के बेलखेत में क्वैराला नदी के उफान पर आने से झूला पुल बह गया है।
इधर, तराई में बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। ऊधमसिंह नगर प्रशासन के अनुसार सितारागंज, खटीमा और नानकमत्ता में लगभग 300 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं। 1500 से अधिक लोगों को प्रभावित क्षेत्र से विस्थापित कर विद्यालयों में रखा गया है। खटीमा के हल्दी गांव निवासी प्रिंस कुमार (18) और सन्नी (20) की पानी में डूबने से मौत हो गई। एसडीआरएफ ने दोनों के शव बरामद किए।
हालांकि, प्रभारी मंत्री गणेश जोशी की ओर से देर रात जारी सूचना में उल्लेख किया गया है कि सीडीओ मनीष कुमार ने बताया कि खटीमा के हल्दी गांव में डूबने से तीन लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि शक्तिफार्म में निर्मलनगर के दो लोग लापता हैं, इनमें बीस क्वार्टर गांव निवासी संजीत और जगदीश मंडल शामिल हैं। संजीत सोमवार को नदी के में वह गया जबकि निर्मलनगर का जगदीश रविवार को धौरा डैम में बह गया था। उसका भी पता नहीं चल पाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.