कुमाऊं कमिश्नर ने आदेश में कुमाऊं के सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए योजना संचालित की जा रही है। ऐसे में गांव, तोक और ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाकर छूटे दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किए जाएं।
दिव्यांगजनों के विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (यूडीआईडी कार्ड) जारी करने में बरती जा रही लापरवाही का कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने संज्ञान लिया है। सुस्त गति से काम कर रहे जिलों को 31 अगस्त तक सभी चिह्नित दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड बना लेने के आदेश जारी किए हैं।
उन्होंने समाज कल्याण अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से भी आपस में समन्वय बनाकर कार्ययोजना बनाने को कहा है। दिव्यांगों के यूडीआईडी कार्ड बनाने में बरती जा रही लापरवाही को आपके प्रिय समाचार पत्र ह्यहिन्दुस्तानह्ण ने 6 जून 2022 के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
बताया था कि प्रदेशभर में एक साल बाद भी केवल 30 फीसद दिव्यांगों के ही यूडीआईडी कार्ड बनाए जा सके हैं जबकि, 1.18 लाख दिव्यांगों को इस योजना का लाभ मिलना है।
ये भी बताया था कि कई जिलों में स्वास्थ्य विभाग के स्तर से चिह्नित दिव्यांगों की लिस्ट तक समाज कल्याण विभाग को उपलब्ध नहीं कराई जा रही जिससे यूडीआईडी कार्ड बनाने में सबसे अधिक दिक्कत हो रही है। मामले में संज्ञान लेते हुए कुमाऊं कमिश्नर ने सभी जिला अधिकारियों को यूडीआईडी कार्ड बनाने के काम में तेजी लाने को कहा है।
कुमाऊं में कहां कितनों के यूडीआईडी कार्ड बने
जिला आवेदन कार्ड बने
बागेश्वर 3192 2564 (80.33%)
नैनीताल 1106 5161 (46.64%)
चंपावत 4450 1569 (31.80%)
पिथौरागढ़ 5594 1729 (30.91%)
यूएसनगर 15953 4117 (25.81%)
अल्मोड़ा 9894 5161 (13.43%)