प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 2016 के अंतर्गत ईपीआर प्लान जमा नहीं करने पर औद्योगिक इकाइयों के संचालन की अनुमति निरस्त करने के मामले में उद्यमियों को बड़ी राहत मिल सकती है। प्लास्टिक या पॉलिथीन का प्रयोग करने वालीं पैकेजिंग औद्योगिक इकाइयों को ईपीआर प्लान के नियम से मुक्त किया जा सकता है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने उद्यमियों के एक प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया है।
लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र के नेतृत्व में उद्यमी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से दिल्ली में मिले। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिना पूर्व सूचना के एकतरफा कार्रवाई कर औद्योगिक इकाइयों के संचालन की अनुमति निरस्त कर दी। कहा कि इससे लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। संगठन के उत्तराखंड प्रदेश महामंत्री विजय सिंह ने आश्वासन दिया है कि पैकेजिंग के रूप में प्लास्टिक या पॉलीथिन का प्रयोग करने वाली औद्योगिक इकाइयों को ईपीआर प्लान से मुक्त रखे जाने पर विचार किया जाएगा, सिर्फ उत्पादक ही इसका हिस्सा बनेंगे।
ऐसा हुआ तो उत्तराखंड ही नहीं देशभर में उद्योगों को राहत मिल सकेगी। बताया कि केंद्रीय मंत्री ने सीपीसीबी के अफसरों को ईपीआर संबंधी जटिलताओं को दूर करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय सचिव नरेश पारीक, रोहित भाटिया, वीरेंदर नागपाल, मुकेश अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
ईपीआर पर 15 दिसंबर को होगी कार्यशाला
ईपीआर के संबंध में जानकारी देने और समस्याओं के निस्तारण के लिए 15 दिसंबर को कार्यशाला की जाएगी। सिडकुल इंटरप्रिन्योर्स वेलफेयर एसोसिएशन सिडकुल की ओर से बहादराबाद इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर इसका आयोजन किया जाएगा। दोपहर 3 बजे से सिडकुल स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला में उद्योग विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहेंगे।