दून विश्वविद्यालय में बनेगी प्रदेश की पहली डीएसटी-पर्स लैब, देवभूमि के लिए बड़ी उपलब्धि

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर कुलपति सहित विश्वविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय के साथ पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल ने बताया कि डीएसटी ने अभी तक इस प्रतिष्ठित योजना के लिए प्रदेश में किसी भी संस्थान का चयन नहीं किया था। यह पर्स अनुदान इतना प्रतिष्ठित है कि उत्तर प्रदेश में मात्र अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ही इसे पाने में सफल रहे हैं।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय उत्तराखंड की पहली पर्स (प्रमोशन आफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस) लैब दून विश्वविद्यालय में स्थापित करेगा। राज्यपाल एवं कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से सोमवार को राजभवन में दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा ने भेंटकर यह जानकारी दी। राज्यपाल ने कहा कि डीएसटी-पर्स लैब से विश्वविद्यालय में शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार होगा।

तीन अगस्त, 2023 को डीएसटी ने अपनी इस योजना के तहत साफिस्टिकेटेड इंस्ट्रूमेंटल फेसिलिटीज बनाने के लिए दून विश्वविद्यालय को लगभग छह करोड़ का अनुदान देने की आधिकारिक घोषणा की है। कुलपति ने बताया कि पर्स(पीयूआरएसइ)योजना के तहत केंद्र सरकार प्रस्ताव आमंत्रित करती है और प्रतिस्पर्धी माध्यम से विश्वविद्यालयों को अनुदान प्रदान करती है।

70 विश्वविद्यालयों ने प्रस्ताव प्रस्तुत किए

इस योजना के तहत, आवेदक विश्वविद्यालयों को अनुसंधान (रिसर्च) प्रस्ताव, एससीआई जर्नल में प्रकाशित शोध पत्रों, एच इंडेक्स, आई-10 इंडेक्स, रिसर्च क्रेडेंशियल और रिसर्च आउटपुट के संदर्भ में निर्धारित पात्रता मानदंडों के आधार पर छांटता है। फरवरी, 2023 में, देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 70 विश्वविद्यालयों ने डीएसटी को अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए।

जुलाई, 2023 में दून विश्वविद्यालय ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय, गुवाहाटी में पर्स के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट बोर्ड के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया था। डीएसटी ने तीन अगस्त, 2023 को परिणाम घोषित किया, जिसमें दून विश्वविद्यालय डीएसटी पर्स अनुदान प्राप्त करने में सफल रहा।

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