धामी सरकार ने एमएसएमई उद्योगों के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है, इससे उन छोटे उद्यमियों को राहत मिलेगी, जो भूमि न मिलने के कारण अपने उद्योग खड़े नहीं कर पा रहे। राज्य के कुल उद्योगों में करीब 86 प्रतिशत एमएसएमई के तहत पंजीकृत उद्योग हैं, जबकि राज्य की आर्थिकी में 13.1 प्रतिशत जीडीपी का सहयोग है।
राज्य में कुल 2,58,288 उद्योग पंजीकृत हैं, जिसमें 2,51,656 सूक्ष्म, 6,104 लघु और 528 मध्यम सेक्टर से हैं। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आफ उत्तराखंड का मानना है कि कोरोनाकाल में हजारों एमएसएमई उद्योग समय पर सप्लाई नहीं पहुंचाने के कारण आर्थिक घाटे में आ गए थे। तब से स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।
छोटे उद्यमियों का कहना है कि राज्य की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप यहां एमएसएमई उद्योग बेहतर ढंग से संचालित हो सकते हैं। ऐसे में इन उद्योगों के सुदृढ़ीकरण और अवस्थापना पर राज्य सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सूक्ष्म उद्योग स्थानीय उत्पादों पर आधारित हो सकते हैं और स्थानीय युवा बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया करवा पाने में समक्ष साबित होते हैं।