केंद्र के इस फरमान से राज्य सरकार की करीब 10 हजार करोड़ की विकास परियोजनाएं खटाई में पड़ गई हैं। राज्य सरकार ने 20236 करोड़ रुपये की 11 महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाएं तैयार की हैं, जो विभिन्न चरणों में पाइपलाइन में हैं। इनमें से ज्यादातर को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। कुछ में फंडिंग एजेंसियों के साथ एमओयू होने हैं। लेकिन केंद्र के पत्र से इन पर संकट गहरा गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय की एक चिट्ठी ने राज्य सरकार को चिंता में डाल दिया है। मंत्रालय ने वाह्य सहायतित योजना (ईएपी) की परियोजनाओं के लिए धनराशि की सीलिंग करीब 9900 करोड़ तय कर दी है। यह सीलिंग वर्ष 2026 तक के लिए है। अब ईएपी के तहत राज्य सरकार इससे अधिक धनराशि के प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए नहीं भेज सकेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले को नीति आयोग की बैठक में उठा चुके हैं। बताया जा रहा है कि अब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखने जा रहे हैं। वह इस मसले पर पीएम से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर सकते हैं।
उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तरपूर्वी राज्यों के लिए सीलिंग
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से 25 मई को इस संबंध में कार्यालय आदेश प्राप्त हुआ। पत्र में उत्तराखंड राज्य, हिमाचल और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए ईएपी की धनराशि की सीमा तय करने की सूचना दी गई है।