गंगोत्री के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्वतारोहण की गतिविधि शुरू हो गई हैं। हालांकि, पैदल ट्रेक के क्षतिग्रस्त होने के कारण अभी गंगोत्री से भोजवासा पहुंचने में पर्वतारोही दल को तीन दिन का समय लग रहा है।
बीते तीन दिन के अंतराल में गंगोत्री से दो पर्वतारोही दल शिवलिंग चोटी और मेरू चोटी नार्थ फेस के आरोहण को रवाना हुए हैं। शिवलिंग चोटी का आरोहण करने वाला पर्वतारोही दल गोमुख से गंगाजल लेकर जाएगा, जिससे आरोहण होने पर शिव को अभिषेक किया जाएगा।
दल में एक विदेशी सहित चार पर्वतारोही शामिल
माउंट हाई विंड ट्रेकिंग एंड माउंटेनियरिंग के संचालक जयेंद्र राणा ने बताया कि गंगोत्री हिमालय की प्रसिद्ध शिवलिंग चोटी (6,564 मीटर) के आरोहण को जो दल रवाना हुआ है, उसमें एक विदेशी सहित चार पर्वतारोही शामिल हैं।
पर्वतारोहियों के अलावा दल में एक संपर्क अधिकारी, दो गाइड और दो हाई एल्टीट्यूड पोर्टर (एचएपी) भी शामिल हैं। यह दल शुक्रवार को भोजवासा पहुंच गया। शनिवार को दल गोमुख होते हुए तपोवन पहुंचेगा।
जयेंद्र ने बताया कि इस दल में शामिल चार पर्वतारोही, एक संपर्क अधिकारी और दो गाइड व दो एचएपी गोमुख से गंगाजल लेकर भी जाएंगे। वह शनिवार को ही तपोवन जाते समय गोमुख से गंगाजल भर देंगे। इसके लिए सभी को 100 एमएल की केन दी गई हैं, जो शिवलिंग चोटी आरोहण के दौरान आसानी से कैरी की जा सकेंगी।
14 सितंबर तक गंगोत्री लौट आएगा दल
पर्वतारोहियों में जर्मनी निवासी क्रिस्टन एमस्ट हेलमट, रजत रैलच, विवेक आनंद व कनक पुरी, संपर्क अधिकारी एवं लीडर चंद्रप्रकाश उनियाल, गाइड सन्नी शर्मा, पासांग शेरपा, एचएपी लेनडूप भोटिया व कामी शेरपा शामिल हैं।
बताया कि यह दल पर्वतारोहण कर 14 सितंबर तक गंगोत्री लौट आएगा। वहीं, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के नेतृत्व में मेरू चोटी नार्थ फेस (6,450 मीटर) के आरोहण को भी पांच पर्वतारोहियों का दल रवाना हुआ है। यह दल भी गोमुख क्षेत्र में पहुंच चुका है।