केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में वोटिंग को लेकर महज 3 दिन का ही वक्त बचा है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जहां एक ओर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के मंत्री विधायक समेत तमाम दिग्गज नेता प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पूरी एकजुटता के साथ केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में जमकर प्रचार-प्रसार कर रही है। जिससे केदारनाथ उपचुनाव काफी रोचक बन गया है। हर 5 साल में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए राजनीतिक पार्टियों जी तोड़ मेहनत करती है। क्योंकि, उस दौरान सत्ता पर काबिज होने की एक बड़ी चुनौती राजनीतिक पार्टियों के सामने होती है, लेकिन उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव सामान्य चुनाव से भी बड़ा दिखाई दे रहा है। क्योंकि, प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस इस उपचुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंकी है। यही वजह है कि केदारनाथ उपचुनाव अब हाई प्रोफाइल चुनाव बन गया है। अभी तक ये उपचुनाव, सरकार वर्सेस ऑल का चुनाव था, लेकिन अब बीजेपी ने इस उप चुनाव को पार्टी की साख के साथ जोड़ दिया है। लिहाजा, इसमे मोदी फैक्टर भी जुड़ गया है। केदारनाथ उपचुनाव के मौजूदा हालात तो कुछ यूं ही बयां कर रहे हैं। क्योंकि, राज्य सरकार के तमाम मंत्री रोजमर्रा के कामकाज को छोड़ इस उपचुनाव में डटे हुए हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष समेत बीजेपी के तमाम नेता इस उपचुनाव में अपनी-अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी का फिलहाल एकमात्र उद्देश्य यही है कि केदारनाथ उपचुनाव को हर हाल में जीतना है। बीजेपी के लिए केदारनाथ उपचुनाव जितना इसलिए भी जरूरी है। क्योंकि, हाल ही में हुए दो विधानसभा सीट मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही केदार घाटी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधा लगाव है। साथ ही उनके ड्रीम प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं।
साल 2013 में आई भीषण आपदा के बाद केदार घाटी में कई बड़े काम किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इन सभी कामों की मॉनिटरिंग करते रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों को ध्यान में रखकर केदारनाथ उपचुनाव के लिए बीजेपी नेता जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। कांग्रेस केदारनाथ उपचुनाव में सरकार की ओर से हर हथकंडा अपने का आरोप लगा चुकी है। जिसके सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि कांग्रेस पहले से ही यह मान चुकी है कि वो चुनाव हार रहे हैं। जिसके अपने चेहरे को बचा रहे हैं। इसलिए कांग्रेस ने पहले से ही आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं।
सीएम धामी ने कहा कि केदारनाथ धाम पीएम मोदी के आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। केदार घाटी का पुनर्निर्माण कार्य नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुआ है। साल 2013 में आई आपदा और हाल ही में केदार घाटी में आई आपदा के बीच बड़ा अंतर दिखाई दिया है।