प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार तरुण कपूर ने जोशीमठ को लेकर बुलाई गई बैठक में उत्तराखंड शासन को राहत पैकेज का प्रस्ताव तैयार करने को कहा। निर्देश दिए कि विज्ञानियों की जो भी संस्तुतियां हैं, उनके अनुसार तत्काल कदम उठाए जाएं।
जोशीमठ के आपदाग्रस्त क्षेत्र में पुनर्निर्माण, उपचार व प्रभावितों के पुनर्वास के लिए तैयार होने वाले राहत पैकेज के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हरी झंडी दे दी है।
उन्होंने पुनर्वास समेत विभिन्न कार्यों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जोशीमठ के लिए केंद्र सरकार हर संभव मदद राज्य को देगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय निरंतर ही जोशीमठ में चल रहे राहत व जांच कार्यों पर नजर रखे हुए हैं। साथ ही वह शासन से लगातार अपडेट ले रहा है।इसी कड़ी में प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर ने शुक्रवार को बुलाई गई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय, एनडीएमए के अधिकारियों के अलावा उत्तराखंड के मुख्य सचिव डा एसएस संधु, आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा, अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव व सविन बंसल तथा चमोली के डीएम हिमांशु खुराना के साथ जोशीमठ को लेकर विमर्श किया। उत्तराखंड से सभी अधिकारी वर्चुअली इस बैठक से जुड़े।
जोशीमठ में समस्या के कारणों की तह तक पहुंचने और इसके समाधान के उपायों को लेकर आठ संस्थानों के विज्ञानी जांच में जुटे हैं। इन संस्थानों की ओर से पिछले माह के आखिर में एनडीएमए को प्रारंभिक रिपोर्ट भेजी थी।
इन रिपोर्ट के आधार पर एनडीएमए ने विभिन्न बिंदुओं को लेकर बैठक में प्रस्तुतीकरण दिया। इसमें समस्या के कारणों को लेकर अब तक सामने आए बिंदुओं के साथ ही समाधान की तरफ बढऩे से जुड़े विषयों पर ध्यान खींचा गया। यद्यपि, इन बिंदुओं को लेकर अभी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) विज्ञानियों की रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है। बैठक में जानकारी दी गई कि वह शीघ्र ही केंद्रीय गृह मंत्रालय से इसे अनुमोदित कराकर शासन को भेजेगा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा।
प्रधानमंत्री के सलाहकार ने बैठक में निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शीघ्र ही भूमि चयन कर इससे संबंधित औपचारिकताएं पूर्ण कर ली जाएं। शासन ने प्रभावितों के पुनर्वास के लिए जोशीमठ के नजदीकी क्षेत्रों में चार स्थल चिह्नित किए हैं।
जोशीमठ के पुनर्निर्माण, पुनर्वास से जुड़े विषयों को लेकर केंद्र को भेजे जाने वाले राहत पैकेज का प्रस्ताव इन दिनों शासन तैयार कर रहा है। राहत पैकेज के ढाई से तीन हजार करोड़ रुपये का रहने की संभावना है।
यद्यपि, इसका वास्तविक आकार एनडीएमए से शासन को मिलने वाली विस्त़ृत रिपोर्ट के आधार पर तय होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि इसी सप्ताह एनडीएमए से यह रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी।
चमोली जिले के अंतर्गत आपदाग्रस्त जोशीमठ में अलकनंदा नदी से हो रहे भूकटाव की स्थिति को एनडीएमए ने गंभीर माना है। इसकी रोकथाम के साथ ही विज्ञानियों की रिपोर्ट के आधार पर जोशीमठ में ड्रेनेज व सीवरेज सिस्टम को विकसित करने पर जोर दिया है। इसके लिए तेजी से कार्य करने की जरूरत भी बताई गई।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के सलाहकार की ओर से बुलाई गई बैठक में एनडीएमए ने अपने प्रस्तुतीकरण में जोशीमठ में हो रहे भूकटाव का उल्लेख भी किया। कहा गया कि भूकटाव की रोकथाम के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाने आवश्यक हैं। इस पर गंभीरता से ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
जोशीमठ में जांच कार्य में जुटे विज्ञानियों ने वहां भूधंसाव और भवनों में दारारें पडऩे के लिए पुख्ता ड्रेनेज व सीवरेज सिस्टम न होना भी एक कारण माना है। असल में जोशीमठ भूस्खलन के मलबे के ढेर पर बसा हुआ है।
ऐसे में पानी की निकासी की पुख्ता व्यवस्था न होने के कारण यह भूमि में समा रहा है। सूत्रों के अनुसार बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि विज्ञानियों की रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों विषयों को लेकर गहनता से कदम उठाने की आवश्यकता है।
सूत्रों ने बताया कि एनडीएमए से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद शासन भूकटाव की रोकथाम के साथ ही ड्रेनेज व सीवरेज प्लान पर कार्य शुरू करेगा। डे्रनेज व सीवरेज प्लान के लिए तैयार कार्ययोजना को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।