भारतीय सेना की आर्मी कैंटीन की तर्ज पर उत्तराखंड पुलिस भी अपने जवानों के लिए स्मार्ट कार्ड बनाने जा रही है। पुलिस कैंटीन में अब जवान स्मार्ट कार्ड के जरिये ही खरीददारी कर पाएंगे। स्मार्ट कार्ड पर खरीदारी सिर्फ पुलिस वाला या फिर उसका परिवारिक सदस्य ही कर सकता है।
पहले कैंटीन में जाकर कोई भी सामान की खरीदारी कर लेता था, अब ऐसा नहीं चलेगा। प्रदेश के हर जिले में पुलिस कैंटीन है। जहां से पुलिस, पैरामिलिट्री जवान, होमगार्ड व उनके स्वजन तथा सेवानिवृत्त कर्मचारी सामान खरीदते हैं। अब तक यह व्यवस्था है कि कोई भी व्यक्ति जाकर अपने परिचित का नाम रजिस्टर में दर्ज करवाता है और मनचाहा पर्याप्त सामान खरीद लेता है। मगर अब ऐसा नहीं होगा।
केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार के निर्देश पर पूरे प्रदेश में कैंटीन से सामान खरीदने वाले पुलिस, पैरामिलिट्री व होमगार्ड के जवानों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों से फार्म भरवाए जा रहे हैं। फार्म भरने के बाद केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार को भेजे जाएंगे। इसके बाद स्मार्ट कार्ड बनकर तैयार होगा। इसी कार्ड के आधार पर सामान दिया जाएगा।
लिमिट से ज्यादा नहीं ले पाएंगे सामान
कैंटीन से सामान खरीदते समय स्मार्ट कार्ड लेकर आना जरूरी होगा। इसी कार्ड के आधार पर सामान मिलेगा। इसमें सामान खरीदने की सीमाएं व रेट दोनों तय हो जाएंगे। उतना ही सामान मिलेगा, जितना केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार तय करेगा।
जीएसटी में मिलेगी 50 प्रतिशत छूट
अच्छी बात यह है कि कर्मचारियों को कैंटीन कार्ड जारी होने के बाद जीएसटी में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इस हिसाब से अभी तक वह जो सामान को महंगे दाम पर खरीद रहे थे, काफी हद तक सस्ता हो जाएगा। कई और तरह की छूट भी मिलेंगी।
प्रदेश के 24 हजार पुलिस कर्मियों को फायदा
प्रदेश के 24 हजार पुलिसकर्मियों को स्मार्ट कार्ड का फायदा होगा। बात अगर कुमाऊं की करें तो तकरीबन 10 हजार व नैनीताल पुलिस के सेवारत व सेवानिवृत्त ढाई हजार पुलिस कर्मियों को लाभ होगा। सुई से लेकर सब्बल तक पुलिसकर्मी अपनी कैंटीन से खरीदते हैं।