चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर, 10 हजार पुलिसकर्मी होंगे सुरक्षा में तैनात, ये होंगी व्यवस्थाएं

राष्ट्रीय खेलों में 10 हजार पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किए जाएंगे। पुलिस का दावा है कि खिलाड़ियों की सुरक्षा में उनके साथ पुलिसकर्मी साए की तरह रहेंगे। राष्ट्रीय खेलों की प्रत्येक गतिविधि सीसीटीवी कैमरों में कैद होगी।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डीजीपी दीपम सेठ ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उसने फोर्स की ड्यूटी, यातायात प्लान, पार्किंग आदि पर चर्चा की गई। अधिकारियों को समय से सारी व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दिए गए।

डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि सभी को सजग और सतर्क रहकर अपना कर्तव्य निर्वहन करने के निर्देश दिए गए हैं। आगामी 28 जनवरी से नौ जिलों में 19 आयोजन स्थलों पर प्रतियोगिताएं होंगी। कुल 44 प्रतियोगिताओं में 10 हजार खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। इसके लिए सभी जनपदों को ग्राउंड लेवल पर सुरक्षा की प्लानिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकतर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इनकी प्रतिदिन निगरानी की जा रही है।

डीजीपी ने बताया कि त्रुटिरहित सुरक्षा व्यवस्था प्रदान कर पुलिस का उद्देश्य इसे ऐतिहासिक बनाने का है। यह आयोजन उत्तराखंड की क्षमता और सौंदर्य को देश दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर है। इसके लिए सकुशल और सुरक्षित तरीके से पूरा करने को उत्तराखंड पुलिस पूरी तरह तैयार है।

इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों से रहेगा समन्वय

डीजीपी ने बताया कि खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उनके प्रवास स्थलों, वहां से आयोजन स्थलों जाने के मार्ग, अभ्यास सत्र, प्रतिस्पर्धी ईवेंट में प्रभावी एक्सेस कंट्रोल सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सुरक्षा के लिए पुलिस इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों दीपाली डिजाइन, ग्रांट थॉर्टन और थॉमस कुक के साथ समन्वय स्थापित करेगी। सभी आयोजन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए आवश्यक उपकरण भी स्थापित किए जा रहे हैं।ये होंगी व्यवस्थाएं

-खिलाड़ियों के प्रवास स्थलों पर सीसीटीवी से लैस कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं।
-सभी एजेंसियों और अधिकारियों के बीच एक प्रभावी और रियल टाइम संवाद स्थापित किया जाएगा।
-खिलाड़ियों के प्रवास स्थलों में कार्यरत कर्मियों का समय से सत्यापन पूरा किया जाएगा।
-यातायात रूट, प्रवेश और निकास प्लान, पार्किंग व्यवस्था की यातायात निदेशक और संबंधित जिलों के पुलिस प्रभारी निगरानी करेंगे।
-आयोजन स्थलों पर फायर सेफ्टी, सिक्योरिटी प्लान के अनुसार अग्निशमन के सभी उपाय इनमें मोटर फायर इंजिन, अग्निशमन यंत्र आदि पर्याप्त संख्या में रखे जाएंगे।
-एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे आदि पर मानकों के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।
-इंटेलिजेंस के लिए विभिन्न टीमें गठित की जा रही हैं।
-बम निरोधक दस्ते से 24 घंटे चेकिंग की जाएगी।
-विद्युत विभाग, पेयजल, लोनिवि, फायर, एसडीआरएफ व अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आयोजन को सफलतापूर्वक कराने के लिए निर्देश दिए गए।

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