प्रदेश में वाहनों पर नजर रखने के लिए अब तीन स्थानों पर मिनी कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे। ये स्थान पौड़ी, अल्मोड़ा व हल्द्वानी है। इन नए मिनी कंट्रोल रूम की स्थापना का उद्देश्य यह है कि वाहनों पर लगे व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) के जरिये नियमों के उल्लंघन की सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
प्रदेश सरकार ने वाहनों में वीएलटीडी लगाना अनिवार्य किया है। नए वाहनों पर यह डिवाइस लग कर आ रही है, जबकि पुराने वाहनों में परिवहन विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि डिवाइस लगाई जाएं। इस क्रम में प्रदेश में अब तक 80 हजार से अधिक वाहनों में वीएलटीडी लगाया जा चुका है।
वीएलटीडी लगाने का फायदा यह है कि इससे वाहन विभाग की नजर में रहता है। यदि कोई चालक तेज रफ्तार से वाहन चलाता है अथवा तेज मोड़ काटता है तो इसकी सूचना तुरंत विभाग के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को मिल जाती है।
कहीं वाहन दुर्घटनाग्रस्त होता है अथवा कोई इस डिवाइस की तार निकालने का प्रयास करता है अथवा छेड़छाड़ करता है तो इसके बारे में भी विभाग को सूचना प्राप्त हो जाती है। अभी परिवहन मुख्यालय में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है।
डेटा रखा जाएगा सुरक्षित
वीएलटीडी में लगी जीपीआरएस युक्त चिप के जरिये इसकी सूचना कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को मिलती है। पर्वतीय क्षेत्रों में संचार व्यवस्था अभी तक सुव्यवस्थित नहीं है। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में कई स्थानों पर वाहनों की पूरी जानकारी विभाग को नहीं मिल पाती। साथ ही वीएलटीडी के जरिये मिलने वाला डेटा इतना अधिक होता है कि एक कंट्रोल रूम में इसे लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता।
ऐसे में पर्वतीय स्थानों पर मिनी कंट्रोल रूम स्थापित करने का निर्णय लिया गया है ताकि यहां से भी वाहनों पर नजर रखते हुए नियमों के उल्लंघन का डेटा सुरक्षित रखा जा सके। संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि इस दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। नए मिनी कंट्रोल रूम स्थापित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू की जा रही है।