प्रदेश सरकार दशकों पुराने कुओं की सुध लेने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन पुरानों कुओं का जीर्णोद्धार करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए कुओं का व्यापक सत्यापन अभियान चलाया जाएगा। साथ ही रख रखाव के जरिए इन्हें फिर से पुनर्जीवित किया जाएगा।
प्राचीनकाल से कुएं गांवों से लेकर शहरों में तक मीठे और साफ पानी के स्रोत रहे हैं। इनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रहा है। कई जगह कुएं ऐतिहासिक घटनाओं के गवाह हैं। लेकिन समय के साथ जलापूर्ति की व्यवस्था बदलने से कुओं का उपयोग घटता चला गया।